शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

आईटी सेंटर लोक सेवा से तहसील में शिफ्ट करने के निर्देश

 कलेक्टर श्री वीरेन्द्र सिंह रावत के निर्देशानुसार जिला प्रबंधक लोक सेवा प्रबंधन विभाग, भिण्ड श्री भानु प्रजापति ने आज लोक सेवा केंद्र मेहगांव का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने आरएफपी अनुबंध अनुसार लोक सेवा केन्द्र संचालक, चयनित निविदाकार ऑपरेटर को समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिए। जिला प्रबंधक ने लोक सेवा केंद्र पर संचालित पीआरओ हेल्प डेस्क के संचालन में सुधार एवं आवेदकों को लोक सेवा गारंटी की बुकलेट तथा जानकारी हेतु पैंपलेट देने हेतु दिशा निर्देश जारी किए।
    जिला प्रबंधक श्री भानु प्रजापति ने लोक सेवा केंद्र पर कर्मचारियों के ड्रेस कोड में ना होने पर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही उन्होंने सोमवार से बिना ड्रेस में उपस्थित होने पर केंद्र में अनुमति ना देने एवं लोकसेवा केन्द्र संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा। उन्होंने लोक सेवा केंद्र में कार्यरत आईटी सेंटर को तत्काल प्रभाव से तहसील कार्यालय शिफ्ट करने के निर्देश दिए। ज्ञात हो कि लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से भी भू-अभिलेख, आयुष्मान भारत योजना, आधार पंजीयन की सेवा प्रारंभ करने की कार्यवाही प्रचलित है, ऐसे में अन्य ऑपरेटर के बैठने से शासन को लोकसेवा केन्द्र के संचालक को अनावश्यक वीजीएफ देना पड़ता है जिससे शासन को राजस्व की हानि होती है।
    कलेक्टर श्री वीरेन्द्र सिंह रावत के निर्देशन में लोक सेवा केन्द्रों को आदर्श सुविधा केन्द्र के रूप मे विकसित किया जा रहा है। जिला प्रबंधक श्री भानु प्रजापति ने कहा कि लोकसेवा केंद्रो के माध्यम से आधार पंजीयन, आयुष्मान भारत, भू-अभिलेख एवं सीएससी एमपी ऑनलाइन के सेवाएं दिए जाने से ना सिर्फ आवेदकों को एक ही जगह सभी सेवाएं प्रदाय की जा सकेगी, बल्कि शासन स्तर से लोक सेवा केन्द्रों को भुगतान किया जाने वाला वाए विलिटी गेप फडिंग के भुगतान में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि समस्त लोक सेवा केन्द्र संचालक यदि 2 दिवस में उपरोक्त्त सेवाओं के लिए कार्यालय में नाम जमा नही करते तो उनके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कलेक्टर ने जिला प्रबंधक को निर्देशित किया। ज्ञात हो सभी लोक सेवा केन्द्रों को उपरोक्त्त व्यवस्थाओं के संचालन हेतु सात दिवस का एवं केंद्र में आरएफपी अनुबंध अनुसार आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने हेतु 10 दिवस का समय दिया गया था। जिला प्रबंधक ने यह भी निर्देश दिए कि केंद्र संचालन में कोविड-19 की गाईडलाईन के अनुसार लोकसेवा केन्द्र संचालित किए जाए। उन्होंने आवेदकों को मास्क देने एवं सेनेटाईजर कराने के बाद केन्द्र में प्रवेश कराया जाए। 

नवीन निर्मित बाल हितेषी न्यायालय एवं न्यायालयीन कक्षो का ऑनलाईन ई्र-लोकार्पण हुआ

मुख्य न्यायाधीश म.प्र.उच्च न्यायालय जबलपुर श्री संजय यादव के द्वारा जिला न्यायालय भिण्ड में नवीन निर्मित बाल हितैषी न्यायालय एवं न्यायालयीन कक्षों का ऑनलाईन ई-लोकार्पण किया गया।
   जिला न्यायाधीश भिण्ड श्री गजेन्द्र सिंह द्वारा नवीन निर्मित बाल हितैषी न्यायालय एवं न्यायालयीन कक्षों का ऑनलाईन ई-लोकार्पण के तत्काल पश्चात नवनिर्मित बाल हितेषी न्यायालय के संबंध में विस्तार से बताया। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सुनील दण्डोतिया, न्यायाधीशगण, पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार सिंह, प्रिन्ट एवं इलैक्ट्रोनिक मीडिया के पदाधिकारी उपस्थित थे। 

चंबल एवं ग्वालियर कमिश्नर एवं आईजी चंबल ने किया माइनिंग नाकों का निरीक्षण

कमिश्नर ग्वालियर एवं चंबल श्री आशीष सक्सेना एवं आईजी चंबल श्री मनोज कुमार शर्मा ने आज भिण्ड जिले के माइनिंग नाकों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ कलेक्टर श्री वीरेन्द्र सिंह रावत, पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार सिंह, सहायक कलेक्टर शिवपुरी सुश्री काजल, एसडीएम भिण्ड श्री उदय सिंह सिकरवार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
    चंबल एवं ग्वालियर कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना एवं आईजी चंबल श्री मनोज कुमार शर्मा ने आज भिण्ड जिले के माइनिंग नाकों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने भिण्ड में माइनिंग नाकों पर लागू किए जा रहे पाइलट प्रोजेक्ट हेतु तैयारी की जानकारी प्राप्त की। कमिश्नर श्री सक्सेना ने निर्देश दिए कि इस हेतु सभी तैयारी समय से पूर्ण की जाए। इस दौरान उनके साथ भेजा गया। 

एसडीएम सिकरवार ने की लोकसेवा प्रबंधन विभाग की समीक्षा

 एसडीएम एवं प्रभारी अधिकारी लोक सेवा प्रबंधन विभाग श्री उदयसिंह सिकरवार ने लोकसेवा प्रबंधन विभाग की समीक्षा की। समीक्षा में बताया कि लोक सेवा केंद्रों द्वारा समय सीमा में आयुष्मान भारत एवं सीएससी हेतु ऑपरेटर्स के नाम ना भेजने पर जिला प्रबंधक श्री भानु प्रजापति को कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

    प्रभारी अधिकारी लोक सेवा प्रबंधन विभाग श्री उदयसिंह सिकरवार ने कहा कि लोक सेवा केन्द्र इंचार्ज के नाम से सीएससी  एवं आयुष्मान भारत की आईडी बनाने हेतु सीएससी प्रबंधक श्री पंकज शर्मा को निर्देशित किया। उन्होंने 3 दिवस में सीएससी प्रबंधक आईडी बनाए जाने को कहा। जिसके बाद आयुष्मान और सीएससी सेवा लोक सेवा केन्द्रों से प्रारंभ की जा सकेगी। बैठक में जिला प्रबंधक लोक सेवा श्री भानु प्रजापति ने बताया कि अभी तक सिर्फ लोक सेवा केन्द्र मिहोना एवं भिण्ड ग्रामीण द्वारा ही आवेदन दीए गए है। प्रभारी अधिकारी श्री सिकरवार ने स्पष्ट निर्देश दिए कि तत्काल सभी वर्तमान लोकसेवा केन्द्र इंचार्ज की आईडी बनवाए, जन हित की योजना में देरी स्वीकार्य नहीं की जाएगी। इस संबंध में सभी नवीन संचालको की बैठक बुलाने के निर्देश भी दिए।

उ.मू. दुकान (ग्रामीण) स्तरीय सतर्कता समितियों का ऑनलाईन उन्मुखीकरण प्रशिक्षण आज

 राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला बाल विकास, स्कूल शिक्षा एवं अन्य विभागों की सहमति के उपरांत उचित मूल्य दुकान (ग्रामीण) स्तर पर सतर्कता समितियों के गठन एवं कार्य संचालन के संबंध में शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये है। जिले में अंतविभागीय समन्वयन से ही ग्रामीण विकास अंतर्गत खाद्य, सुरक्षा योजनाओं का सुचारू क्रियान्वयन किये जाने हेतु उ.मू. दुकान स्तरीय सतर्कता संमितियों के दायित्व एवं अधिकारो के संबंध में संचालनालय द्वारा ग्रामीण विकास विभाग एवं एनआईसी के सहयोग से उ.मू. दुकान (ग्रामीण) स्तरीय सतर्कता समितियों के 18 दिसम्बर 2020 को प्रातः 11 बजे से दोपहर 01 बजे तक ऑनलाईन उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन निम्नानुसार निर्धारित किया गया है।

    प्रशिक्षण स्थल- प्रत्येक पंचायत कार्यालय में उपलब्ध तकनीकी साधनों (कम्प्यूटर, इंटरनेट, माईक एवं स्पीकर) एवं बैठक सुविधाओं का उपयोग करते हुये प्रशिक्षण आयोजित किये जायेगे।
    प्रशिक्षण के प्रतिभागी- उचित मूल्य दुकान मुख्यालय की पंचायत पर गठित सतर्कता समिति के अध्यक्ष (दुकान में एक से ज्यादा पंचायत होने पर) पंचायत सचिव-सदस्य सचिव एवं अन्य सदस्यगण (पात्रता पर्ची धारी) प्रतिभागी होगे। साथ ही इस प्रशिक्षण में सतर्कता समिति के साथ संबंधित उचित मूल्य दुकान के विक्रेता भी संबंधित पंचायत से इस प्रशिक्षण में सम्मिलित होगे। इस प्रकार एक समिति से लगभग 12-14 समिति सदस्यों को प्रशिक्षित किया जावेगा।
    प्रशिक्षण के आयोजक- ग्राम पंचायत स्तर प्रशिक्षण आयोजित करवाने की कार्यवाही संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी एवं ग्राम पंचायत सचिव द्वारा निम्नानुसार की जावे। प्रतिभागियों को समय पर सूचना दी जावे।
    प्रशिक्षण हेतु तकनीकी संसाधन कम्प्यूटर, इंटरनेट (कम से कम 4 जीबी डाटा), स्पीकर एवं बिजली आदि की व्यवस्था संबंधित ग्रामपंचायत द्वारा की जावेगी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा जिला मुख्यालय से संपर्क कर समय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण हेतु एनआईसी द्वारा जारी की गई लिंक प्राप्त की जावे। ग्राम पंचायत सचिव द्वारा उपस्थिति पत्रक में उपस्थिति दर्ज कर पत्रक जिला खाद्य कार्यालय को उपलब्ध कराना आदि कार्यवाही समय पर की जाये। सदस्यों की उपस्थिति- ग्राम पंचायत सचिव/ ग्रामीण रोजगार सहायक द्वारा गूगल फार्म की लिंक httpsf/orms glepNUMvoLikYzcbd3cA पर प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित प्रतिभागियों की उपस्थिति एवं फीडबैक दर्ज किया जाना सुनिश्चित कराया जावे।
    जिला स्तरीय प्रशिक्षण सहयोगी दल- जिले की समस्त उचित मूल्य दुकान स्तरीय समितियों के प्रशिक्षण के संबंध में निगरानी ग्रामीणविकास विभाग, महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से की जावेगी। प्रशिक्षण के दौरान संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षणर्थियों की जिज्ञासा का समाधान भी समक्ष में करेगे।
    ऑनलाइन प्रशिक्षण हेतु एनआईसी द्वारा पृथक से लिंक उपलब्ध करायी गयी है जो निम्नानुसार है- URl : https//bharatvc-nic-in/viwer/9090829890 Meeting 9090829890 Meeting IØw 9090829890 Password  213465 है। जिले की पंचायतों में निम्नलिखित यू-ट्यूब लिंक के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदाय किया जायेगा। https://ypotu-be/3oW&MWVD50e सतर्कता समितियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले सभी प्रतिभागियों द्वारा प्रशिक्षण के दौरान निम्नानुसार ई-मेल पर प्रश्न एवं सुझाव प्रेषित किये जा सकते है जिनका संकलन कर उत्तर प्रशिक्षण सत्र के उपरांत दिया जायेगा E-mail-foodtraining20/gmail-com है।
    संचालक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत मानपुरा विकास खण्ड भिण्ड को ऑनलाइन प्रशिक्षण के प्रतिभागियों  से चर्चा किये जाने हेतु चयनित किया गया है। अतः उक्त पंचायत में चर्चा की आवश्यक व्यवस्था भी की जानी है । दिनांक 18 दिसम्बर 2020 को फसल क्षति के लिये स्वीकृत राहत राशि वितरण की कार्यवाही के संबंध में राज्य स्तरीय कार्यक्रम के सीधे प्रसारण से जुडने हेतु कार्यवाही किया जाना है तथा ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से उ.मू. दुकान (ग्रामीण) स्तरीय सतर्कता समिति के लिये ऑनलाइन उन्मुखीकरण प्रशिक्षण का भी कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।
    उपरोक्त दोनो कार्यक्रमो के सफल आयोजन हेतु पंचायत राज संचालनालय, भोपाल द्वारा निर्देशित किया गया है। कि प्रत्येक पंचायत कार्यालय में उपलब्ध तकनीकी साधनों (कम्प्यूटर, इंटरनेट, माईक एवं स्पीकर) एवं बैठक सुविधाओं का उपयोग करते हुये प्रशिक्षण एवं प्रसारण कार्यक्रम को देखने की व्यवस्था की जावे। इस हेतु तकनीकी व्यवस्था कीपूर्व समीक्षा कर ली जाकर दोनो कार्यक्रम के प्रसारण के संबंध में 18 दिसम्बर 2020 को प्रातः 10 बजे से कार्यक्रम हेतु आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देशित किया है।

रोगी कल्याण समिति शासी निकाय की बैठक 21 दिसम्बर को

 कलेक्टर श्री वीरेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में जिला रोगी कल्याण समिति शासी निकाय (कार्यकारिणी समिति) की बैठक 21 दिसम्बर 2020 को दोपहर 12.30 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की जाएगी।

    सचिव/सविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला रोगी कल्याण समिति भिण्ड ने बताया कि रोगी कल्याण समिति शासी निकाय (कार्यकारिणी समिति) की बैठक से संबंधित अधिकारीगण एवं समिति सदस्य 21 दिसम्बर 2020 को दोपहर 12.30 बजे उपस्थित होना सुनिश्चित करें।

उचित मूल्य दुकान - सतर्कता समितियों को वेबिनार के माध्यम से 18 दिसंबर को दिया जाएगा प्रशिक्षण- प्रमुख सचिव किदवई

 शासकीय उचित मूल्य दुकानों की निगरानी के लिए गठित सतर्कता समितियों को ओर अधिक सुदृढ़ करने की दृष्टि से समिति सदस्यों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रमुख सचिव खाद्य श्री फैज अहमद किदवई ने बताया कि 18 दिसंबर को प्रातरू 11 बजे से 1 बजे तक आयोजित इस वेबिनार की अध्यक्षता खाद्य मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह करेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत गठित उचित मूल्य दुकान सतर्कता समितियों को प्रदेश में पहली बार ऑन लाईन प्रशिक्षण दिया जाएगा।

22824 पंचायतें होंगी प्रतिभागी
    श्री किदवई ने बताया कि इस प्रशिक्षण में प्रदेश की 22 हजार 824 पंचायतें भाग लेंगी। एक समिति के लगभग 12 से 14 सदस्य शामिल होंगे। इस तरह लगभग 3 लाख 20 हजार प्रशिक्षाणर्थी इसमें एक साथ अपने-अपने क्षेत्र में रहकर भाग ले सकेंगे। इनमें उचित मूल्य दुकान मुख्यालय की पंचायत स्तर पर गठित सतर्कता समिति के अध्यक्ष, सह-अध्यक्ष (दुकान में एक से ज्यादा पंचायत होने पर) पंचायत सचिव, सदस्य सचिव एवं अन्य पात्रता पर्चीधारी सदस्यगण भाग ले सकेंगे। इसके साथ ही इस प्रशिक्षण में सतर्कता समिति के साथ संबंधित 20 हजार 859 उचित मूल्य दुकान विक्रेता भी संबंधित पंचायत से शामिल होंगे।
    श्री किदवई ने बताया कि पंचायत स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी एवं ग्राम पंचायत सचिव द्वारा प्रतिभागियों को कार्यक्रम से अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा प्रशिक्षण स्थल पर वांछित तकनीकी व्यवस्था यथा कम्प्यूटर, माईक, इंटरनेट आदि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायेंगी।
    एन आई सी द्वारा पृथक से इसके लिए लिंक उपलब्ध कराई जाएगी। प्रदेश में प्रथम बार आयोजित इस ऑनलाइन प्रशिक्षण की व्यवस्था निगरानी ग्रामीण विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास, पंचायत, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं खाद्य विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से करेंगे।
    प्रशिक्षण का सीधा प्रसारण प्रदेश की प्रत्येक पंचायत, मुख्यालय पर किया जाएगा। कार्यक्रम में कुछ चुनिंदा प्रतिभागियों से चर्चा भी की जायेगी। उनके प्रश्नों का समाधान इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में किया जाएगा।

किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के पंजीयन के लिये कृषकों को प्रोत्साहित करेंगे - मंत्री डॉ. भदौरिया

 सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा है कि भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा किसान उत्पादक सहकारी संस्था (एफपीओ) के राज्य के सहकारिता अधिनियमों में पंजीयन हेतु निर्देश प्रदान कर विस्तृत कार्य योजना जारी की गई है। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक सहकारी संस्था के गठन हेतु मध्यप्रदेश सहकारिता अधिनियम 1960 के सुसंगत प्रावधानों के अनुरूप मॉडल बायलॉज का निर्माण किया गया है तथा सभी संयुक्त आयुक्त, उप आयुक्त व सहायक आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि वे मैदानी स्तर पर कृषक संगोष्ठी आयोजित कर कृषकों को किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के पंजीयन के लिये प्रोत्साहित करें।

   मंत्री डॉ. भदौरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है तथा कृषकों के सामाजिक आर्थिक विकास में सहकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने व संगठित रूप से कृषि सेवाओं की उपलब्धता, विपणन व नई तकनीकों के अंगीकार करने में सहकारिता में गठित किसान उत्पादक संगठन अपनी सार्थक भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता अन्तर्गत मॉडल बायलॉज के अनुसार किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के गठन हेतु सहकारिता विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किये हैं।
सदस्यों की संख्या कम से कम 21 होगी
    आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ डॉ. एम.के. अग्रवाल ने बताया कि किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के गठन के लिये मॉडल बायलॉज में सदस्य संख्या, सदस्यों की पात्रता, कार्यक्षेत्र, अंशपूंजी के साथ ही कार्य योजना व अन्य प्रक्रियाएँ निर्धारित की गई हैं। मॉडल वायलॉज के अनुसार किसान उत्पादक सहकारी संस्था का पंजीयन सहकारिता अधिनियम 1960 के प्रावधान अनुसार हो तथा सदस्यों की संख्या कम से कम 21 हो, जो भिन्न-भिन्न परिवारों के हों। यह सदस्य सहकारी संस्था की सदस्यता की पात्रता रखते हों किन्तु भारत सरकार की योजना से लाभ प्राप्ति के लिये न्यूनतम 300 सदस्य की मापदंड की पूर्ति तथा दिशा-निर्देशों का पालन करने पर ही पात्रता आयेगी।
कार्यक्षेत्र चयनित ग्रामों तक सीमित होगा
    आयुक्त सहकारिता डॉ. अग्रवाल ने बताया कि किसान उत्पादक सहकारी संस्था का कार्यक्षेत्र प्रारंभिक स्तर पर कुछ चयनित ग्रामों तक सीमित रखा जाए तथा एक समान संस्था के कार्यक्षेत्र में अन्य उत्पादक सहकारी संस्था का पंजीयन न किया जाए किन्तु भारत सरकार की योजना में सम्मिलित होने पर भारत सरकार के निर्देश भी लागू होंगे। किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के लिये प्रत्येक सदस्य से निर्धारित अंशपूंजी एकत्रित कर सकेंगे। अंश का न्यूनतम मूल्य 100 रूपये तथा प्रवेश शुल्क 10 रूपये होगा किन्तु अंश मूल्य में वृद्धि प्रवर्तक सदस्य आपसी सहमति से कर सकेंगे।
कार्य योजना स्पष्ट, सारगर्भित एवं सर्वे के अनुरूप हों
    आयुक्त डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रत्येक किसान उत्पादक सहकारी संस्था द्वारा प्रारंभिक कार्य योजना बनवाई जायेगी, जिसके उद्देश्य मॉडल बायलॉज के अनुरूप होने चाहिए। इनसे अलग उद्देश्यों को कार्य योजना में उल्लेख न किया जाए। उन्होंने बताया कि यदि भविष्य में इन संस्थाओं को भारत सरकार के निर्देशों के तहत विस्तृत कार्यक्षेत्र एवं कार्य योजना अनुरूप कार्य करना है तो इसके लिये कार्य योजना स्पष्ट, सारगर्भित एवं सर्वे के अनुरूप बनाई जाये। उन्होंने यह भी बताया कि कार्य योजना के निर्माण के लिये कृषि उद्यानिकी, पशुपालन आदि से संबंधित विभागों एवं एफपीओ विशेषज्ञों की सहायता भी ली जा सकती है।
प्रवर्तक सदस्यों के लिये पात्रता
    आयुक्त डॉ. अग्रवाल ने बताया कि किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं में जो भी प्रवर्तक सदस्य होंगे वह अधिनियम, उपनियम के तहत पात्रता रखते हों तथा न्यूनतम एक एकड़ कृषि भूमि के भूमिस्वामी हों, जिसके प्रमाण स्वरूप अद्यतन खसरे की प्रति लगानी होगी। परिचय के रूप में आधार कार्ड, स्वयं का फोटोग्राफ आदि निर्धारित प्रपत्र पात्रता हेतु लिये जाएंगे। इक्विटी शेयर का लाभ प्राप्त करने के लिये कुल सदस्यों में 50 प्रतिशत लघु सीमांत कृषक व महिला कृषकों को भी सदस्य बनाना होगा।
पंजीयक द्वारा समय समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा
   किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के पंजीयन के लिये सहकारी अधिनियम/नियम एवं पंजीयक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा सहकारी संस्थाओं के पंजीयन में उपरोक्त आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ ही भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी पालन सुनिश्चित करना होगा।  

मुख्यमंत्री ने दिये 20 साल पुराने केस में मुरैना के पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाही के मुरैना कलेक्टर को निर्देश , हाईकोर्ट ने दर्ज कराई एफ आई आर, पुलिस कोर्ट से चुरा लाई केस डायरी , धरे रही , सबूत फाड़ फाड़ कर फेंकें

    मुरैना 15 सितंबर ( ग्वालियर टाइम्स ) लगातार 20 साल तक कोर्ट और कानून की ऑंखों में धूल झोंक कर भारी भरकम रिश्वत और भ्रष्टाचार की विष्ठा ख...