रविवार, 22 नवंबर 2020

गुरू ने बदली राशि , शनि गुरू अब हुये एक साथ एक ही राशि में , जानिये क्या होगा इसका अर्थ और असर

 

- नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनन्द’’ , एडवोकेट एवं

सी ई ओ तथा प्रघान संपादक , ग्वालियर टाइम्स ग्रुप

 

परसों दिनांक 20 नवम्बर 2020 शुक्रवार को , गुरू जैसे बृहद प्रभावकारी गृह ने राशि परिवर्तन दोपहर करीब डेढ़ बजे किया और अब तक धनु राशि में गोचर कर रहे , चल रहे गुरू अब मकर राशि में आ चुके हैं ।

हालांकि धनु राशि  गुरू की ही राशि है और धनु  के स्वामी गुरू  के ही घर में गुरू अभी तक निवास कर रहे थे । और कल से वे अब शनि की ही दूसरी राशि अर्थात मकर राशि में ( शनि के ही घर में ) अब रहने आ गये हैं । इस घर की खास बात यह है कि इस राशि मकर का स्वामी यानि इस घर का मालिक भी यहीं इसी घर में पहले से ही मौजूद है । गुरू को अब शनि के साथ शनि के घर में आगामी समय में फिलहाल रहना है ।

ज्योतिषीय परिकल्पना और आकलनों के मुताबिक शनि और गुरू एक दूसरे के धुर विरोधी ग्रह हैं । और दोनों में परस्पर विरोध और वैमनस्यता रहती है । गुरू एकदम से शनि के विपरीत गुण रखते हैं ।

इस सारे ग्रहीय परिवर्तन में कुछ आवश्यक गणित पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है , मसलन दोनों ग्रहों के अंश और प्रभाव के साथ दोनों ग्रहों की चालें , अस्वाभाविक चालें जैसे कि वक्री, अस्त, उदय और अतिचारी चालें आदि ।

पहले तो यह कि मकर राशि में शनि , अपने खुद के ही घर में बैठे हैं , और गुरू अपनी नियमित चाल चलते चलते शनि के घर आ पहुंचा है और वहां अब शनि के साथ ही उसे वक्त गुजारना है , शनि इस समय आज की तारीख तक नवजात अवस्था में हैं अर्थात नवजात शिशु जैसे हाल व अवस्था में हैं , मतलब शनि इस वक्त बेअसर हैं और अपना अच्छा बुरा कुछ भी असर या प्रभाव दिखाने की हालत में नहीं हैं ।

और गुरू ने तो कल ही अपना गोचर इसी घर में यानि मकर राशि में शुरू किया है । इसलिये स्वाभाविकत: और प्राकृतिक रूप से गुरू कल ही जनमे हैं और वे भी इस समय आज दिनांक को नवजात शिशु वाली अवस्था में हैं । इसलिये वे प्रभावहीन और बेअसर हैं ।

इन दो नवजातों के एक घर में होने और फिलहाल एक ही पलकी में झूलने का अर्थ भी जानना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से परम आवश्यक है , इसके लिये दोनों ग्रहों की चालों और गतियों का अध्ययन परम लाजमी है ।

विशेष खगोलीय घटना :- भारतीय ज्योतिषीय पद्धति जिसे चान्द्र पंचांग कहा जाता है और चन्द्रमा की गति पर आधारित तिथ्यादि से निर्धारित होता है , के मुताबिक तथा भारतीय सौर सिद्धांत के भी मुताबिक , इसके साथ ही वर्तमान आधुनिक विज्ञान ( फिजिक्स एंड एस्ट्रोनोमिकल ) वैज्ञानिक अनुसंधान केन्द्रों के मुताबिक 21- 22 जून को सबसे बड़ा दिन और इनके बीच की रात साल भर में सबसे छोटी रात होती है , इसी प्रकार 21 -22 दिसम्बर को सबसे छोटा दिन और इनके बीच की रात साल भर की सबसे बड़ी रात होती है ।

इसी 21 -22 दिसम्बर 2020 को इस साल यह दोनों नवजात ग्रह शनि और गुरू मकर राशि में एक साथ , एकदम समान अंशों पर आयेंगें । संयोगवश यह एक विचित्र स्थिति इन दोनों ग्रहों की उसी वक्त घटित होगी जब दिनमान और रात्रिमान में सालाना बदलाव हो रहा होगा । और इस दिन ही यह दोनों ग्रहों नवजात अवस्था से किशोर अवस्था की ओर बढ़ने से पहले एक ही समान अंश पर होंगें और एक दूसरे के साथ होगें एक ही राशि या एक ही घर में ।

ज्योतिष में समान अंश पर एक ही राशि में ग्रह होने पर उन ग्रहों की अमावस बन जाती है, अर्थात स्पष्ट है कि शनि और गुरू की पारस्परिक इस दिन अमावस बन जायेगी । कुल मिलाकर शनि और गुरू प्रभावित लोगों या इन दोनों से प्रभावित प्रकृति में उपलब्ध चीजों के लिये यह समय अमावस का समय होगा , जिसका अर्थ है कि होगा तो सब कुछ उपलब्ध , मगर दिखेगा नहीं । नजर नहीं आयेगा , न तो मार्ग और न मंजिल , कुछ भी नजर नहीं आयेगा ।

इस सब में गुरू की चाल स्पष्ट हो जाती है कि चंद रोज में गुरू का शनि को अमावस दे देने का अर्थ है कि गुरू की चाल अतिचारी रहेगी और गुरू का मकर राशि में गोचर प्रचंड गति से चलेगा , अतिचारी गुरू की चाल इतनी तेज होगी कि आज शून्य अंश पर चल रहे गुरू , एकदम से ही 05 अप्रेल 2021 को अर्थात महज चार साढ़े चार महीने में ही राशि बदल देंगें और शनि की ही दूसरी राशि कुम्भ राशि में यानि शनि के दूसरे घर में , प्रवेश कर जायेंगें । गुरू की इस दरम्यान अर्थात 05 अप्रेल तक की अतिचारी चाल काफी अर्थ रखती है और शनि के साथ चलते , शनि उस वक्त जब गुरू राशि बदलेंगें 05 अप्रेल को अपनी पूरी युवा अवस्था में 16- 17 अंश पर होगा ।

शनि और गुरू के इन अंशों और चालों के अनेक अर्थ और मायने हैं , शनि 07 जनवरी 2021 को अस्त होंगें और 09 फरवरी को उदित होंगें । शनि इस समय होशोहवास में किशोरावस्था में होंगें ।

इन ग्रहों के एक राशि में गोचर करने और अतिचारी गुरू के कारण राजनैति उथलपुथल और क्या क्या घटनाक्रम घटेंगे , आप पर सीधे सीधे इसका क्या असर पड़ेगा , इसकी व्याख्या और विश्लेषण -: -

( शेष भाग कल के अंक में जारी रहेगा ........... ... )

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कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु क्राईसेंस मैनेजमेंट ग्रुप की कलेक्टर कार्यालय भिण्ड के सभागार में आयोजित की गई

 

कलेक्टर श्री वीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, आमजन शासन की गाईडलाईन के अनुसार नियमो का पालन करें। बैठक कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु क्राईसेंस मैनेजमेंट ग्रुप की कलेक्टर कार्यालय भिण्ड के सभागार में आयोजित की गई।
    बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री आईएस ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संजीव कुमार कंचन, एसडीएम भिण्ड-अटेर श्री उदयसिंह सिकरवार, प्रिन्ट एवं इलैक्ट्रोनिक मीडिया के पदाधिकारी, समाजसेवी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
    कलेक्टर श्री वीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रत्येक नागरिको द्वारा सार्वजनिक स्थलो पर फेस मास्क का इस्तेमाल, अनिवार्य रूप से किया जाए तथा इसका पालन नहीं करने वाले नागरिको पर जुर्माने अधिरोपित कर विधिवत बसूली तथा अन्य आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जाए। कक्षा 1 से 8 तक जिले के समस्त स्कूल 31 दिसम्बर 2020 तक बंद रखे। कलेक्टर ने कहा कि विवाह समारोह, सामाजिक कार्यक्रम में भीड की रोकथाम के लिए आप लोगों द्वारा सुझाव मांगे गए है। उन्होंने कहा कि कोरोना की रफ्तार कम नहीं हुई करोनो से जिले के नागरिको को सावधानी बरतनी होगी। साथ ही 100 प्रतिशत मास्क का उपयोग होना चाहिए।
    समाजसेवियो एवं पत्रकारों द्वारा बताया गया कि बिना मास्क के पेट्रोल/डीजल नहीं दिया जाए। ऑटो वाले भी बिना मास्क के सवारी न बैठाऐ। बैठाने पर सवारी के हिसाब से जुर्माना लगाया जाए। सब्जी मण्डी को चार हिस्सों में बांट दिया जाए, जैसे कि अटेर रोड, इटावा रोड, बस स्टेण्ड साईड और लहार रोड, ताकि सोशल डिस्टेसिंग का पालन हो सके। शादी समारोह में लोगो की संख्या तय की जाए। मास्क, शोसल डिस्टेसिंग एवं सेनेटाइजर का उपयोग अनिवार्य किया जाए। हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जाए। साथ ही साप्ताहिक अवकाश का सख्ती से पालन किया जाए। समाजसेवियो द्वारा बताया गया कि 9 से 12वीं तक के जो स्कूल खुल रहे है वहां मास्क अनिवार्य रूप से पालन हो। सभी यूनियन की बैठक बुलाई जाए।

कलेक्टर ने की आमजन से सतर्कता बरतने की अपील

    कलेक्टर श्री वीरेन्द्र सिंह रावत ने बढ़ रहे कोरोना के मामलों के मद्देनजर जिले में आवश्यक एहतियात बरतने की अपील आम नागरिको से की है। कलेक्टर ने कहा कि नागरिक, कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का पालन करें। मास्क का आवश्यक रूप से उपयोग करें। बार-बार साबुन से हाथ धोएं सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखे  और अपनों के लिए, स्वयं के लिए और राष्ट्र के लिए संवेदनशील रह कर कोरोना वायरस से बचाव के प्रति सजग, सतर्क बने रहें।

सहकारी संस्थाओं की सेवाओं को और अधिक जनोन्मुखी व पारदर्शी बनायेंगे-सहकारिता मंत्री डॉ. भदौरिया

 ( जनसंपर्क विभाग से फोटो प्राप्त नहीं ) सहकारिता के माध्यम से सदस्यों और उपभोक्ताओं को प्रदान की जा रही सेवाओं के बारे में वित्तीय रूप से साक्षर बनाकर जहां एक ओर संस्थाओं की सेवाओं को अधिक जनोन्मुखी बनाया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर वित्तीय साक्षरता से वित्तीय अनियमितताओं को भी आसानी से नियंत्रित किया जा सकेगा। सहकारी संस्थाओं के डाटाबेस का डिजिटलीकरण भी किया जाना जरूरी है, इससे संस्थाओं के कार्य-व्यवहार एवं लेखाओं को अधिक पारदर्शी एवं प्रमाणिक बनाया जा सकेगा। यह बात शुक्रवार को सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने अपेक्स बैंक के समन्वय भवन में अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के समापन अवसर पर आयोजित वैचारिक संगोष्ठी में संदेश के माध्यम से कही। संगोष्ठी का विषय "सहकारिता के माध्यम से वित्तीय समावेशन, डिजिटलीकरण एवं सोशल मीडिया" था।

    मंत्री डॉ. भदौरिया ने कहा कि सहकारी संस्थाओं की पहुँच अत्यंत गहरी है एवं ग्राम स्तर तक लाखों-करोड़ों उपभोक्ता एवं किसानों की दैनंदिनी आवश्यकताओं की पूर्ति इन संस्थाओं के द्वारा लगातार की जाती है। वित्तीय लेन-देन को डिजीटल माध्यम (कैशलेस) से करने हेतु भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान लगातार बल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में डिजीटल माध्यमों का महत्व और उपयोगिता और अधिक बढ़ जाती है। मध्यप्रदेश में सहकारी संस्थाओं के डिजिटलीकरण हेतु मध्यप्रदेश शासन, अपेक्स बैंक एवं नाबार्ड द्वारा वित्तीय सहायताएँ स्वीकृत की गई हैं। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति से शीघ्र ही प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों का कम्प्यूटरीकरण कार्य आरंभ हो सकेगा।
    प्रमुख सचिव, सहकारिता श्री उमाकांत उमराव ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान दौर में यदि बाजार में टिके रहना है तो वर्तमान के साथ चलना होगा। आज का समय ष्डिजिटलष् का है। सहकारिता क्षेत्र में कार्य करने वाले अधिकारी और कर्मचारी को इसमें पारंगत होना बहुत जरूरी है, क्योंकि आने वाला समय और अधिक चुनौतीपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि प्राथमिक सहकारी साख समितियों का शीघ्र कम्प्यूटराईजेशन किया जाना जरूरी है। आजकल शिक्षित होने का मतबल ष्डिजिटलष् कार्य-प्रणाली के क्षेत्र में पारंगत होना है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सहकारिता सर्विस प्रोवाईडर के रूप में कार्य कर रही है। इसके माध्यम से उपार्जन, खाद-बीज एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत सामान उपलब्ध कराते हैं। आज का युग ष्सर्विस प्रोवाईडरष् का नहीं, बल्कि ष्साल्यूशन प्रोवाईडरष् का है। अतरू पूरे प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी को वर्तमान आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए प्रगति पथ पर ले जाना है, यह संकल्प आज के दिन पूरे प्रदेश में इस कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से देखने वाले सभी लोग लें।
    संगोष्ठी के प्रारंभ में आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ डॉ. महेश अग्रवाल ने अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह अंतर्गत 14 से 20 नवम्बर तक आयोजित किये गये कार्यक्रमों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को गति देने के लिये सहकारिता एवं सहकार की भावना को समझें और सहकारी संस्थाओं को मजबूत करें। वित्तीय समावेशन के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर सहकारी संस्थाओं को सुदृढ़ बनायें। संगोष्ठी में महाप्रबंधक नाबार्ड श्री डी.एस. चौहान व रिजर्व बैंक की सहायक महाप्रबंधक सुश्री ज्योति सक्सेना ने भी अपने विचार रखे। डिजिटलीकरण व सोशल मीडिया के संबंध में आई.टी. विशेषज्ञ श्री मोहित शुक्ला ने प्रकाश डाला। विषय-विशेषज्ञ श्री लोकेन्द्र सिंह राजपूत ने सोशल मीडिया का छवि निर्माण एवं व्यवसाय में वृद्धि के लिये अधिक से अधिक उपयोग का सुझाव दिया। आभार प्रदर्शन अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक श्री प्रदीप नीखरा ने किया। संगोष्ठी में सहकारिता विभाग, सहकारी संस्थाएँ एवं बैंक के अधिकारीगण शामिल हुए। कार्यक्रम में कोविड-19 की गाइडलाइन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैठक व्यवस्था समन्वय भवन के हॉल में की गई।

लंबित निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ पूरे करें, लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी, पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री सिसोदिया ने समीक्षा बैठक में दिये निर्देश

 (जनसंपर्क विभाग से फोटो प्राप्त नहीं ) पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि लंबित निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण करें। निर्माण कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने पिछली बैठक में लिये गये निर्णयों और विभाग की अन्य विकास एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं की समीक्षा भी की गई। बैठक में राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल भी उपस्थित थे।

    मंत्री श्री सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक में शांतिधाम, स्कूलों की बाउण्ड्री-वॉल, गौ-शालाओं का निर्माण कार्य और प्रदेश में बच्चों के लिये मध्यान्ह भोजन के लिये डायनिंग हॉल का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा किया जाये। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की हितग्राही मूलक योजनाओं को अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुँचाने और लाभान्वित करने के निर्देश दिये। सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में मैदानी अधिकारी विशेष रुचि लेकर कार्य करें। स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये उन्हें अन्य योजनाओं से जोड़ें।
    मंत्री श्री सिसोदिया ने कहा कि शासन की योजनाओं और विकास कार्यों की जानकारी ग्रामसभा में रखी जाये। ग्रामसभा का आयोजन प्रत्येक दो माह में किया जाये। ग्रामसभा की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई जाये। ग्राम में चल रहे सी.सी. रोड में गुणवत्ता का ध्यान रखें। श्री सिसोदिया ने मनरेगा के तहत किये जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश में खाली बंजर पड़त भूमि की जानकारी प्राप्त करने के साथ गौचर भूमि में चारागाह विकास करने, वर्मी कम्पोस्ट, भू-नाडेप बनाने के निर्देश दिये। इसके अलावा खेत की मेड़ों पर पेड़ लगाने के लिये कृषकों को प्रेरित करने के निर्देश दिये।
    बैठक में मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के तहत प्रधानमंत्री ग्राम-सड़क योजना, राज्य शासन द्वारा प्रवर्तित मुख्यमंत्री ग्राम-सड़क योजना में निर्मित ग्रेवल कार्यों का डामरीकरण, स्टेट कनेक्टिविटी, स्टेट मण्डी एवं पंचायती राज संस्था से प्राप्त निधि एवं डीएसएफ मद में स्वीकृत सड़कों, पुलों का निर्माण कार्य, उक्त सभी योजनाओं के तहत निर्मित सड़कों के निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई।
    अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने बैठक में बताया कि मध्यप्रदेश देश में आवास निर्माण के मामले में अव्वल है। अभी तक 17.55 लाख आवास निर्माण किये जा चुके हैं। मेशन प्रशिक्षण में भी देश अव्वल है। अभी तक 51 हजार राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिसमें 9 हजार महिला राजमिस्त्री शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने दिये 20 साल पुराने केस में मुरैना के पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाही के मुरैना कलेक्टर को निर्देश , हाईकोर्ट ने दर्ज कराई एफ आई आर, पुलिस कोर्ट से चुरा लाई केस डायरी , धरे रही , सबूत फाड़ फाड़ कर फेंकें

    मुरैना 15 सितंबर ( ग्वालियर टाइम्स ) लगातार 20 साल तक कोर्ट और कानून की ऑंखों में धूल झोंक कर भारी भरकम रिश्वत और भ्रष्टाचार की विष्ठा ख...