रविवार, 13 दिसंबर 2020

भिंड के लोगों के आधारकार्ड डिटेल और फिंगर प्रिंट लाखो करोड़ों में बेचने की तहकीकात जारी, दिल्ली से बनते थे फिंगर प्रिंटों के ठोस प्रोटो,आधार से वालेट और बैंक खाता लिंक कराने के नाम पर कर देते थे खाता साफ, रैकेट के चीफ प्रशांत शाह से पूछताछ जारी

अहमदाबाद । 19लाख के ई बैलेट फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी और जालसाजी कांड के मुख्य (की अभियुक्त - अभी छानबीन चल रही है ) अभियुक्त चांदखेड़ा का प्रशांत शाह ,उत्कर्ष ह्यूमन रिसोर्सेज कं लि के नाम से ण्क कंपनी चलाता था । वह इस कंपनी को चलाने के लिये भिंड के लोगों के आधार कार्ड और बायोमीटिक डाटा का इस्तेमाल करता था ।
वह भिंड मध्यप्रदेश के लोगों के फिंगरप्रिंट का खुलेआम धड़ल्ले से इस्तेमाल करता था । इसके लिये उसने म.प्र. के कई जिलों में तथा भिंड में अपने एजेंट नियुक्त कर रखे थे , जिनके जरिये वह लोगों के आधार कार्ड डिटेल्स और फिंगर प्रिंट एकत्रित करता था ।
इजी पे नामक कंपनी ने एक एफ आई आर दर्ज कराई है , जिसमें आश्चर्यजनक रूप से एक ही आई पी क्षेत्र से अलग अलग क्षेत्र के लोगों द्वारा फिंगर प्रिंट इस्तेमाल किये जा रहे थे और इजी पे के 19 लाख के बैलेट का यह फर्जीवाड़ा और तगड़े घोटाले की एफ आई आर सायबर सेल को मिली तो सायबर सेल ने इसकी तहकीकात शुरू की , जिसमें पाया गया कि मध्यप्रदेश के चंबल क्षेत्र के लोगों के आधार कार्ड और बायोमीट्रिक डाटा तथा फिंगरप्रिंट इस फोर्जरी स्केम के लिये इस्तेमाल किये जा रहे हैं , आगे की तहकीकात में जानकारी सामने आई कि भिंड के लोगों के आधारकार्ड और फिंगरप्रिंट बहुतायत में इस्तेमाल किये गये हैं । सायबर सेल ने आगे अपनी तहकीकात में पाया कि सारे फिंगरप्रिंट लेकर एकत्रित कर दिल्ली स्थित एक अन्य आदमी को भेजे जाते थे , जहां वह दिल्ली में इन फिंगर प्रिंटों को ठोस रूप में बदल कर वास्तविक ऊंगलियों जैसे फिंगरप्रिंट में ठोस बना देता था , और इस पूरी सायबर क्राइम गैंग द्वारा यह फिंगरप्रिंट ठोस रूप में काफी ऊंचे मंहगे दामों में अत्यंत उच्च स्तर के सायबर क्रिमिनल्स को बेचे जाते थे ।
यह सायबर क्राइमर घोटालेबाज और फर्जीवाड़ा रैकेट खुद को ई वैलेट कंपनी का अधिकृत एजेंट बता कर ई वालेट तथा आधारकार्ड को बैंक अकाउंट से लिंक करने के बहाने किसी का भी बैंक खाता साफ कर देते थे ।
असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस - सायबर सेल ( ए सी पी - सायबर सेल ) ने यह भी कहा कि अभियुक्त ने कुछ अनाज व्यापारीयों को भी यह सारे डाटा बेचे हैं ।
 

नेशनल लोक अदालत में 349 प्रकरणों का हुआ निराकरण

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार नेशनल लोक अदालत का माननीय जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के कुशल मार्गदर्शन में आयोजन किया गया। लोक अदालत का शुभारंभ जिला न्यायाधीश श्री गजेन्द्र सिंह के द्वारा मॉं सरस्वती पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। लोक अदालत के शुभारंभ में जिला न्यायालय के समस्त न्यायिक अधिकारीगण, कलेक्टर भिण्ड, अध्यक्ष अभिभाषक संघ, विद्युत, नगरपालिका एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारीगण तथा पक्षकारगण आदि उपस्थित रहे।
    लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु जिला मुख्यालय भिण्ड एवं न्यायिक तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार हेतु कुल 28 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था। जिसमें से जिला मुख्यालय भिण्ड एवं तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार सहित कुल न्यायालयीन प्रकरण संख्या 349 का निराकरण किया गया जिसमें कुल 891 पक्षकार लाभान्वित हुए तथा राशि 63,66,067/-रूपये का अवार्ड विभिन्न खण्डपीठों द्वारा पारित किया गया। उक्त प्रकरणों के अतिरिक्त प्रीलिटिगेशन प्रकरण जिनमें जलकर, सम्पत्तिकर, बी.एस.एन.एल, बैंक आदि के प्रकरण थे, इनमें कुल 415 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें 569 व्यक्ति लाभांवित हुए। उक्त प्रीतिटिगेशन प्रकरणों में कुल राशि 65,13,590/-रूपये विभिन्न संस्थानों द्वारा वसूल की गई। माननीय श्री गजेन्द्र सिंह जिला न्यायाधीश महोदय भिण्ड के द्वारा नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु समस्त न्यायाधीशगण, बीमा कम्पनी के अधिकारीगण, सम्बंधित अधिवक्तागण को धन्यवाद ज्ञापित किया गया है। ज्ञातव्य है कि पूर्व में आयोजित लोक अदालत से इस लोक अदालत में कोरोना की परिस्थितियों के वाबजूद लगभग 100 अधिक प्रकरणों का अधिक निराकरण किया गया।
    आयोजित नेशनल लोक अदालत में परिवार न्यायालय के विभिन्न प्रकरणों में समझौते के आधार पर पक्षकारों के मध्य चल रहे आपसी विवादों का निराकरण किया गया। जिसमें से एक प्रकरण में पति और पत्नी के मध्य चल रहे डेढ़ माह के पुत्र की संरक्षकता एवं भरण-पोषण के लिए एक प्रकरण को श्री संजीव कुमार अग्रवाल प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय भिण्ड के द्वारा दोनों पक्षकारों को समझाईश देकर राजीनामा के आधार पर लोक अदालत में प्रकरण का निराकरण पत्नी श्रीमती प्रीती जादौन एवं पति जितेन्द्र जादौन के मध्य से समझौते के माध्यम से कराया गया।
    इसी प्रकार से श्रीमान् अनुराग शर्मा न्यायिक मजिस्टेªट प्रथम श्रेणी भिण्ड के न्यायालय में परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत् चैक के अनादरण के एक प्रकरण में 70 वर्षीय भाई श्री रामस्वरूप वंसल और उसकी बहन श्रीमती प्रेमा देवी के मध्य के विवाद को समझौते के आधार पर निराकृत कराया गया। 

मुख्यमंत्री ने दिये 20 साल पुराने केस में मुरैना के पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाही के मुरैना कलेक्टर को निर्देश , हाईकोर्ट ने दर्ज कराई एफ आई आर, पुलिस कोर्ट से चुरा लाई केस डायरी , धरे रही , सबूत फाड़ फाड़ कर फेंकें

    मुरैना 15 सितंबर ( ग्वालियर टाइम्स ) लगातार 20 साल तक कोर्ट और कानून की ऑंखों में धूल झोंक कर भारी भरकम रिश्वत और भ्रष्टाचार की विष्ठा ख...