गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों, कम्पनियों द्वारा आम लोगों के साथ धोखाधड़ी की शिकायतों पर सख्ती से समय-सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों एवं अनिगमित निकाय के संबंध में 39वीं राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में बताया गया कि धनवृद्धि का लालच देकर चिटफंड और अन्य अनिगमित कम्पनियाँ आम लोगों से धन एकत्रित करती हैं। जब तक लोगों को यह आभास होता है कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है, तब तक यह कम्पनियाँ गायब हो चुकी होती हैं। बैंकों और शासन के द्वारा इस बात पर सतत लोगों को जागरूक किया जाता है कि ऐसी संस्थाओं से सावधान रहें। बैठक में निर्देश दिये गये कि लोगों को आर्थिक धोखाधड़ी से बचाने के लिये सतत जागरूकता अभियान संचालित किया जाये।बैठक में बताया गया कि अनाधिकृत एवं अवैध तरीकों से धन इकट्ठा करने वाली 164 कंपनियों/संस्थानों आदि के विरूद्ध भारतीय रिजर्व बैंक को 1318 शिकायतें प्राप्त हुईं। शिकायतों को जाँच कर कार्यवाही करने के लिए सेबी, सीआईडी, जिला कलेक्टर तथा अन्य जाँच एजेंसियों को भेजा गया है।
बैठक में बताया गया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आमजन को ए.टी.एम. पिन, ओ.टी.पी. सूचना किसी को न देने, आर्थिक धोखाधड़ी से बचने, धनवृद्धि की झूठी स्कीमों से बचाने के लिए जागरूक एवं सतर्क करने और जन-जागरण गतिविधियों का आयोजन भी किया। इसके अन्तर्गत प्रदेश के समाचार-पत्रों, दूरदर्शन जैसे माध्यमों का उपयोग किया गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनोज गोविल, प्रमुख सचिव विधि श्री सत्येन्द्र कुमार सिंह, आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सीआईडी, पुलिस महानिरीक्षक सायबर तथा भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारी उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपकी टिप्पणी हमें प्राप्त हो चुकी है , संपादक या ब्यूरो चीफ जब भी लागिन करेंगें , आपकी टिप्पणी पर विचार करेंगें , अगर प्रकाशन योग्य होगी तो यहां अपने आप प्रकाशित कर दी जायेगी , अगर किसी प्रकार से विचार योग्य होगी तो तदनुसार विचार की जायेगी ।